श्री रंगनाथस्वामी मंदिर | Sri Ranganathaswamy Temple | दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर | Largest Hindu Temple in the World
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, श्रीरंगम: दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर
परिचय-Sri Ranganathaswamy Temple
भारत अपने प्राचीन मंदिरों और धार्मिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे ही एक ऐतिहासिक और भव्य मंदिर का नाम है श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, जो तमिलनाडु के श्रीरंगम (Srirangam) में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के शयन रूप (Ranganatha) को समर्पित है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय हिंदू मंदिर माना जाता है।
इस लेख में हम श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का इतिहास, वास्तुकला, धार्मिक महत्व, त्योहार, दर्शन समय, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझेंगे।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का इतिहास
1. प्राचीन काल से आधुनिक युग तक
- श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में मिलता है।
- माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना त्रेतायुग में भगवान ब्रह्मा ने की थी, और बाद में राजा इक्ष्वाकु ने इसकी पुनर्स्थापना की।
- चोल, पांड्य, होयसल, विजयनगर और नायक वंश के राजाओं ने इस मंदिर का विस्तार किया।
- 14वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों ने इसे नुकसान पहुंचाया, लेकिन इसे बाद में पुनः स्थापित किया गया।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर की वास्तुकला
1. मंदिर का क्षेत्रफल और संरचना
- यह मंदिर 156 एकड़ (63 हेक्टेयर) में फैला हुआ है, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर परिसर बनता है।
- मंदिर में 7 परिक्रमा मंडल (Prakaram) और 21 भव्य गोपुरम (Gopuram) हैं।
- राजगोपुरम (मुख्य गोपुरम) की ऊँचाई 72 मीटर (237 फीट) है, जो इसे एशिया का सबसे ऊँचा मंदिर गोपुरम बनाता है।
2. प्रमुख हिस्से और स्तंभ (Pillars & Mandapas)
- मंदिर में 1,000 खंभों वाला मंडप (Hall of 1000 Pillars) बेहद प्रसिद्ध है।
- यहाँ कई अन्य मंडप भी हैं, जैसे कि सुधाईकुट्टू मंडप, रंगविलास मंडप, और श्री रंगनाथ मंडप।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का धार्मिक महत्व
1. 108 दिव्य देशम में प्रथम स्थान
- श्री रंगनाथस्वामी मंदिर वैष्णव संप्रदाय के 108 दिव्य देशम (Divya Desam) में पहला स्थान रखता है।
- यह मंदिर पंचरंगा क्षेत्रम (Pancharanga Kshetram) में भी शामिल है, जो भगवान विष्णु के पांच प्रमुख रंगनाथ मंदिरों में से एक है।
2. भगवान रंगनाथ का दिव्य स्वरूप
- भगवान विष्णु यहाँ शेषनाग (आदि शेष) पर लेटे हुए विराजमान हैं।
- यह मूर्ति सोने और नवरत्नों से सुशोभित है।
- गर्भगृह में भगवान लक्ष्मी (रंगनायकी) और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में प्रमुख त्योहार (Festivals)
1. वैकुंठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi)
- यह मंदिर का सबसे बड़ा त्योहार है, जो दिसंबर-जनवरी (मार्गशीर्ष मास) में मनाया जाता है।
- इस दिन भक्तों को स्वर्ग के द्वार (पारंपरिक रूप से वैकुंठ द्वार) से प्रवेश करने का अवसर मिलता है।
2. ब्रह्मोत्सव (Brahmotsavam)
- यह महोत्सव 12 दिन तक चलता है, जिसमें मंदिर में भव्य उत्सव और शोभायात्रा निकाली जाती है।
3. रथ यात्रा (Chariot Festival)
- भगवान रंगनाथ की स्वर्ण रथ यात्रा भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा समय
1. मंदिर दर्शन समय
- सुबह: 6:00 AM – 12:00 PM
- शाम: 4:00 PM – 9:00 PM
2. विशेष पूजा और आरती
- विशेष अभिषेकम्: प्रतिदिन प्रातः 6:30 AM
- सहस्रनाम अर्चना: प्रतिदिन प्रातः 7:30 AM
- रात्रि शयन सेवा: प्रतिदिन रात्रि 8:30 PM
कैसे पहुँचे श्री रंगनाथस्वामी मंदिर?
1. हवाई मार्ग (By Air)
- निकटतम हवाई अड्डा तिरुचिरापल्ली (Trichy) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो 10 किमी दूर है।
2. रेल मार्ग (By Train)
- निकटतम रेलवे स्टेशन श्रीरंगम रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से 3 किमी की दूरी पर स्थित है।
3. सड़क मार्ग (By Road)
- यह मंदिर चेन्नई, मदुरई, बेंगलुरु, और कोयंबटूर से बस और टैक्सी द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के आसपास घूमने लायक स्थान
- जंबुकेश्वर मंदिर – भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर श्रीरंगम से 3 किमी दूर है।
- रॉक फोर्ट मंदिर – तिरुचिरापल्ली का प्रसिद्ध गढ़-मंदिर।
- कावेरी नदी तट – प्राकृतिक सौंदर्य और शांति के लिए एक बेहतरीन स्थान।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर की कुछ रोचक बातें
- यह एकमात्र मंदिर है जहां मंदिर का पूरा शहर 7 दीवारों से घिरा हुआ है।
- इस मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा गोपुरम (237 फीट ऊँचा) स्थित है।
- यहाँ भगवान रंगनाथस्वामी की सेवा 1000 से अधिक पुजारी करते हैं।
- यह मंदिर संगीत, नृत्य और शास्त्र अध्ययन का प्रमुख केंद्र रहा है।
निष्कर्ष
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर न केवल दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है, बल्कि यह आध्यात्मिकता, वास्तुकला, और भक्ति का अद्भुत संगम भी है। यदि आप भगवान विष्णु के अनन्य भक्त हैं या ऐतिहासिक मंदिरों में रुचि रखते हैं, तो आपको इस मंदिर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और इस पवित्र स्थान के दर्शन का लाभ उठाएँ!
Related Post:
- स्वर्ण मंदिर अमृतसर यात्रा – इतिहास, लंगर, दर्शन टाइमिंग्स
- भारत के 10 रहस्यमयी योगी और उनकी गुप्त साधनाएँ
- हिमालयी योगियों की रहस्यमयी साधना ,चमत्कार, विज्ञान और ध्यान की शक्ति
- क्या एलियंस भारत आए थे? 5 प्राचीन मंदिरों में छिपे रहस्यमयी सबूत!
- भारत के 5 चमत्कारी बालाजी मंदिर | जहाँ हर मनोकामना होती है पूरी
- हिडिम्बा देवी मंदिर: मनाली का आध्यात्मिक और ऐतिहासिक चमत्कार
- पुनौरा धाम, सीतामढ़ी: माता सीता की जन्मभूमि और पवित्र तीर्थस्थल
- बागेश्वर धाम : संपूर्ण जानकारी
- जिन स्थानों पर भगवान राम ने चरण रखे | चित्रकूट | रामटेक
अन्य लेख पढ़ने के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें।
Comments
Post a Comment